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इस क़दर रात भर मैं ... जबसे देखी है सपनों में ते


इस क़दर रात भर मैं ...

जबसे देखी है सपनों में तेरी झलक,
आ गई हो उतर के, ज़मीं पे फलक।

फूल  कदमों  में  तेरे  बिछाता रहा,
अपनी पलकों पे तुमको सजाता रहा।

हसरतें  कैसी-कैसी  में  बुनता रहा,
इस क़दर रात भर मैं तुम्हें सोचता ही रहा ।।

बन सकोगे क्या साथी उमर भर को मेरे,
पकड़ हाथ मेरा लगा लोगे अग्नि के फेरे।

बैठकर मांग तेरी ,सिंदूरी में करता रहा,
इस कदर रात भर मैं, तुम्हें सोचता ही रहा।।

©Anuj Ray
  #इस क़दर रात भर मैं ..
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

#इस क़दर रात भर मैं .. #लव

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