राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। रविवार सुबह सात बजे ही, घर के अंदर घुस जाओ। रात को नौ बजने तक भी, घर से बाहर मत आओ। नहीं निभाया प्रण पूरा तो, ये नैतिक गद्दारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। शाम को पांच बजे मिलकर, सब एक और फर्ज निभाएंगे। घर के दरवाजे पर आकर ताली खूब बजाएंगे। ताली थाली या बजाओ घंटी, ये तो सम्मान की बारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। बड़े बुजुर्ग और छोटे बच्चे, घर में रहें तो अच्छा है। बड़ों की ताकत क्षीण है कुछ, बच्चा तो आखिर बच्चा है। भूत भविष्य को रखे सुरक्षित, ये आज की जिम्मेदारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। अफवाहों से दूर रहें और, खूब प्रचार प्रसार करें। घर के अंदर रहकर हम सब, कोरोना पर वार करें। लापरवाही हुई जो हमसे, पड़नी बहुत ही भारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। आओ हम सब मिलकर के, ये सकल जहां को दिखला दें। विश्व गुरु की ताकत का, कुछ एहसास तो जतला दें। मोदी मंत्र पर डटने की आवश्यकता बहुत ही भारी है। कोरॉना कोई आम नहीं, ये तो वैश्विक बीमारी है। राजनीतिक मतभेद भुलाकर घर रहने की बारी है। ओमपाल सिंह " विकट "। धौलाना, हापुड़ (उत्तर प्रदेश)। ये तो वैश्विक बीमारी है