" जिसकी की कोई मैजूदगी नहीं , उसी तलाश करने निकले हैं , खुद को खोकर चाहतों में , आज उसकी तलब कुछ खास कर निकले हैं . " --- रबिन्द्र राम " जिसकी की कोई मैजूदगी नहीं , उसी तलाश करने निकले हैं , खुद को खोकर चाहतों में , आज उसकी तलब कुछ खास कर निकले हैं . " --- रबिन्द्र राम #मैजूदगी #तलाश #खोकर #चाहतों #तलब #खास