मेरी संगति में मुझसे खड़ूस हो रहे हो तुम, बात² पे आज-कल महसूस हो रहे हो तुम। दुश्मन से करते हैं परेशाँ अल्फ़ाज़ तुम्हारे, आते-जाते मिलकर मानूस हो रहे हो तुम। भूल जाती हूँ दर्द हँसी की छपछपाहट में, खारे से जैसे मीठे क़ामूस हो रहे हो तुम। जितना चाहो उतना कर लो नज़रअंदाज़, मेरी नज़रों में तो, मख़्सूस हो रहे हो तुम। मौसम बदलते उनके आने-जाने से 'धुन', जाने क्या सोचकर ताऊस हो रहे हो तुम। मानूस- मोहब्बत करने वाला क़ामूस- गहरा दरिया or समुद्र मख़्सूस- ख़ास, विशेष ताऊस- मोर Rest Zone आज का शब्द 'दुश्मन'