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मन का डर कोई तुफानी रात हे, गर्जते बादल चमकती बिजल

मन का डर कोई तुफानी रात हे,
गर्जते बादल चमकती बिजली,
काला अंधेरा अस्मान खिडकी से झांकटे भूतया तसवीर, पंखे पे लटकी हुई चुडाएल
बेड के नीचे काला राक्षस ये सब मन की बक्वास हे 
इन सब पे ध्यान मत दो और प्रभु का नाम लो चुप चाप सो जावो भूत वूत काही नाही होते. 
                                     All is well

©Shivtej kale
   मन की डरावनी बाते
rohitkale1369

shivtej

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मन की डरावनी बाते #Poetry

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