हिंदी दिवस क ख ग अब भूल गए, बस ए बी सी डी आती है ककहरा का ज्ञान नहीं, भाषा अंग्रेजी भाती है बारहखड़ी के नाम पर, शिक्षक भी घबराते हैं हिंदी के वर्णक्रम तो जैसे, स्वयं ही बिखरे जाते हैं अगाध गर्त है जीवन यदि, निजभाषा तज मतिमंद बनें हे हिंदी के आराधक गण, आओ हिंदी के छंद बनें हे भारत के युवा रुधिर! बन हिंदी के तिमिरारि सुनो दृढ़ संकल्पित भारत-वासी, हिंदी वर्णों की मुक्तामाल बुनो शिरोबिंदु पर स्थापित हो, हिंदी सर्वत्र दीप्तिमान रहे रहे सुशोभित हर जिह्वा पर, भारत का जयगान कहे #Hindidiwas