अनाज उपजाते हैं, और दिन रात मेहनत करते हैं, किसान हैं, सपने छोटे, लेकिन खून पसीना एक करते हैं, लालिमा ना फूटी थी सूरज की, तभी वो खेतों में पहुंच गए हैं, चमक रहा हैं आग बनकर भानू , वो दोपहर भी खेतों में गुज़रा हैं, अस्तांचल की ओर बड़ा रवि जब , वो भी कदम खेतों से बाहर निकाला है, मेहनत करते हैं,खेतों में मिट्टी में शन जाते हैं, ख़्वाब अच्छी फसल की, ना जाने क्या क्या सपने देख जाते है, फसल हुई गर अच्छी तो लड़के को विद्यालय पढ़ने भेजेंगे, कुछ पैसे फ़सल से बचा बेटी ब्याहने खातिर कहीं जमा कर रखेंगे, टपकती घर की छत की, मरम्मत का ख़्वाब सजाते हैं, ऐसे ही मेहनत नहीं हो जाती है, लाखो अरमां दिल में सजाते है, वो किसान हैं , जिंदगी की एक एक रोटी मेहनत की खाते है... इनसे क्या सीखोगे, तुम सब?, चलो अच्छा, इनकी तरह मेहनत करके ना पूरा होने वाला ख्वाब सजाते है!! सुप्रभात। जीवन की विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी संयम को क़ायम रखने वाले किसानों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। #मेहनतकश #yqdidi #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi