इस बीते साल मैं भी बीत ही गया लम्हा लम्हा ,कतरा कतरा एक उम्मीद को थामे एक आस को सहेज कर ना मैंने तुम्हारी यादें मिटाई ना कोई तसवीरें जलाई ना तुमको भुलाने की कोई कोशिश की हाँ दिल को बहलाने का शग़ल जरूर किया कभी खुद को रुला कर कभी खुद को भुला कर मगर ना कशों में काशी मिला ना जाम में ज़न्नत और वक़्त मुझसे गुजरता रहा और गुल्लक में जमा सिक्कों की तरह ये साल गुजर गया और उम्र भी गुजर ही जाएगी कुड़की के स्टाम्प पेपर पर लगे रसीदी टिकट की तरह ना मैं तुमको भूल पाउँगा ना मैं तुमको याद आऊँगा एक साल @ अब खमोशी को कहने दो ©Mo k sh K an #poem #Poet #story #Nojoto #Hindi #ab_khamoshi_ko_kehne_do #mokshkan #mikyupikyu