like, comment, share ©Vashu Ayodhyawashi सुनो... एक वादा हमनें भी किया था इक-दूजे को क़भी न भूलने का... पर शायद वो वादा और हमें, तुम सबकुछ भूल गई... लेकिन हम कैसे भूल जाते...??? क्योंकि हम तो अयोध्यावासी हैं... और हमें बचपन से ही सिखाया जाता है... क़ि "प्राण जाई पर वचन न जाईं"...!!!