नारी की कीर्ति.. युगों- युगों से गाथाएं व कीर्ति गाती। नारी की सदैव इतिहास साक्षी है। ममता इनकी धरा की शोभा बढाती, भावी पीढ़ी मानवता की रक्षी है।। यातनाओं की बेड़ियों को तोड़ती, कभी संघर्ष में, जीवन हार जाती है। झुंड भेड़ियों की, हवश का शिकार, करते चीथड़े तन को, अंततः चीत्कारती है। हे मानव, मैंने सदैव नारियों को, टीस और दुख सहते देखा है। बताओ तुम इस नश्वर जगत में, क्या उनके हाथों में यही रेखा है? करो नारियों का सम्मान सदा, बुद्धिमत्ता की सदैव पहचान दो। इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो। - राजेन्द्र कुमार मंडल सुपौल (बिहार) 📧ratneshwriter@gmail.com ©Rajendra Kumar Ratnesh #नारी की#कीर्ति