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आज कल उसकी बहुत कम याद आती है, सायद में भी उलझ गया

आज कल उसकी बहुत कम याद आती है,
सायद में भी उलझ गया हूं...
ज़िन्दगी में कहीं..!
पर जब भी याद आती है उसकी,
ना जाने क्यों...
ये पलकें भीग जाती है...!

खत्म हो चुका है सिलसिला मुलाकातों का उस से,
सायद अलग हो चुके है,
अब रास्ते हमारे...!
पर जब भी होता है जाना उसके शहर की ओर,
ना जाने क्यों ये नज़रे...
हर चहरे में उसका ही चेहरा तलाशती है...!

धुंधला गए है ख्वाब वो जो उसने, 
दिखाए थे मुझे...!
शायद रूबरू हो चुका हूं अब हकीकत से में...! 
पर ना जाने क्यों अब भी,
उन ख्वाबों पर यकीन करने का मन करता है...!
फिर से उन ख्वाबों में जीने का मन करता है...! #rajhirehnedo #night #thoughts #shayri
आज कल उसकी बहुत कम याद आती है,
सायद में भी उलझ गया हूं...
ज़िन्दगी में कहीं..!
पर जब भी याद आती है उसकी,
ना जाने क्यों...
ये पलकें भीग जाती है...!

खत्म हो चुका है सिलसिला मुलाकातों का उस से,
सायद अलग हो चुके है,
अब रास्ते हमारे...!
पर जब भी होता है जाना उसके शहर की ओर,
ना जाने क्यों ये नज़रे...
हर चहरे में उसका ही चेहरा तलाशती है...!

धुंधला गए है ख्वाब वो जो उसने, 
दिखाए थे मुझे...!
शायद रूबरू हो चुका हूं अब हकीकत से में...! 
पर ना जाने क्यों अब भी,
उन ख्वाबों पर यकीन करने का मन करता है...!
फिर से उन ख्वाबों में जीने का मन करता है...! #rajhirehnedo #night #thoughts #shayri
raj3773992606933

Raj

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