तिनका सा था जब चला इस पथरीले संसार में आज पौधा बन कर जूझ रहा इन पत्थरों से। जाने कब तना सा मजबूत हो पाऊंगा मैं जाने कब तूफानों से लड़ पाऊंगा मैं। बहुत थक सा गया हूं पर फिर भी खड़ा हूं बहुत थपेड़ों को झेल चुका हूं पर फिर भी डटा हूं जिंदगी ने सीखा दिया सब कुछ बता दिया झुकना, उठना,लड़ना सबका सबक सिखा दिया। #थपेड़े जीवन के