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जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं वह

जो भरा नहीं है भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं वह हृदय नहीं है पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

©ANKIT Chaurasia 
  स्वदेश प्रेम #🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 स्वतंत्र अमृत महोत्सव # 🙏🙏🙏🙏🎇🎇💐💐
 वीर रस कविता #🌹🌹

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