कल को हम भी यहीं थे,कल को तुम भी यहीं थे... कल का वक्त ही कुछ और था, फासलो में भी नजदीकियों का दौर था... कल तक दिल की बातें,नज़रों से हुआ करती थी, इन साँसों में खुशबू,एक-दूजे की हुआ करती थी, धङकनों का धङकना, हमें अपनी ओर खींचा करता था, और हर सावन के मौसम में, हमारी मोहब्बत की बरसात होती थी... कल तक हम दो जिस्म, एक जान हुआ करते थे, अपने दोस्तों की महफिल में, एक-दूजे की पहचान हुआ करते थे... लेकिन आज, ना जाने वक्त का कौन सा मंज़र पास आया है, हमारी अधूरी कहानी को, और अधूरा करने की रस्म साथ लाया है... हम आज भी पास हैं, एक-दूजे के, लेकिन हमारी मोहब्बत की रूह को, ये वक्त कहीं पीछे छोड़ आया है... जो बातें कभी बीन बोले, धङकने समझ जाया करती थी, आज आवाज सी हर लफ्जों में, एक अंजान सा किस्सा साथ लाया है... पास भी हैं हम,पहले की तरह, लेकिन आज, इन नजदीकियों में भी, दूरियों का सबब आया है... आज तुम भी यहीं हो,आज हम भी यहीं हैं, लेकिन ये वक्त, हमारी मोहब्बत की, आख़िरी साँस, साथ ले आया है... #nojoto#nojotohindi#nojotopoem#poem#breakup#कल#आज#कविता #कल_को_तुम_भी_यहीं_थे... #कल_को_हम_भी_यहीं_थे... कल को हम भी यहीं थे,कल को तुम भी यहीं थे... कल का वक्त ही कुछ और था, फासलो में भी नजदीकियों का दौर था... कल तक दिल की बातें,नज़रों से हुआ करती थी,