जो जग जाता है प्रातः देखे स्वरूप प्रकृति का। नदियां, झरने, पुष्प, कलियांँ सुंदर रूप प्रकृति का। बहता स्वच्छ मंद पवन पाए निर्मल स्वच्छ तन मन। देखे "मन" मनोरम दृश्य परम अनूप प्रकृति का। #मनोरम_दृश्य_काव्य_संगीत 👉समय सीमा आज 06:30 Pm से कल 02:30 Pm तक है,प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद comment में time+Done लिखने के वजाय अपनी रचना लिख दीजिए, विजेता घोषित कल रात 10 बजे कर दिया जाएगा। 🎑काव्य संगीत प्रतियोगिता 17 में आपका स्वागत करता है। आप 04 पंक्ति में अपनी सराहनीय श्रेष्ठ उत्कृष्ट अनुपम उत्तम रचना लिखें।📃 #काव्य_संगीत #yqdidi #yqbaba 👉मौलिक रचना लिखें, वो भी भारतीय भाषा में, और रचना की प्रत्येक पंक्ति में सिर्फ़ 01-12 शब्दों हीं प्रयोग करें।