दो मुख़ालिफ़ छोर कुछ इस तरहा नुमाया हुए मुशायरे में, साथ आए साथ बैठे मगर रहे चुप अपने-अपने दायरे में "विजय त्यागी" कभी-कभी कुछ मोड़ पर ऐसे मोड़ आते है खामोश निगाहों से सवाल हज़ारों छोड़ जाते है #yqhindi #yqdidi #yqbaba #जिंदगी #yqquotes #yqbhaijan #माशारत्ती #maasharatti