अपने जब पराये हो जाते हैं, तो दरिया से प्यास नहीं बुझती खाने से भूख नहीं मिटती कहीं भी चैन नहीं आता सांसे चलती है लेकिन, जिया नहीं जाता shayri #apne #paraaye