हर कोई समझता है, मेरे इस दिल का दर्द , सिर्फ़ तुम को छोड़कर। पता नहीं किस बात का सुख मिलता है तुम्हें, मेरे दिल को तोड़ कर। बड़ी तो हो रही हो आहिस्ता आहिस्ता, सबकी नज़रों में खटक जाओगी। बड़े-बड़े जाल लिए फिरते हैं शिकारी, किसी ना किसी के जाल में अटक जाओगी। तड़पोगी शोर मचाओगी बहुत,बेबसी के आंसू भी बहाओगी, बंद पिंजरे में बैठकर। तब करोगी दिल से मुझे याद एक दिन, मिलाके मुझको ख़ाक में, नसीब अपना फोड़कर। ©Anuj Ray #हर कोई समझता है...