कहानी मैं वैलेंटाइन नहीं मनाती भाग 4 #part_4 कहानी_ मैं वेलेंटाइन नहीं मनाती शायद दूसरी तरफ बैठा रूद्र:, उसका मन अच्छी तरह पढ़ पा रहा था...आरवी ने कुछ ज़्यादा ही मुस्कुराना शुरू कर दिया था,जो उसकी माँ के लिए चिंताजनक हो गया था..वो खुद अनजान थी अपनी मुस्कराहट से फिर एक दिन उसका फोन वाइब्रेट हुआ.. रूद्र-"अरे यार तुम ये मैसेंजर का कुछ अलटरनेट नहीं कर सकती क्या...बड़ा ईडीओटिक एप्प है ये..." आरवी -"और यूज़ करने वाला इंसान?" रूद्र -"कहना क्या चाह रही हो..मैं मुर्ख हूँ" आरवी- "कह तो नहीं रही थी पर इतनी प्रार्थना कर रहे हो तो..ठीक है"