क्या मालूम कहाँ जा रहा हूँ, मंजिल का पता नहीं, हर कदम पर रास्ता खराब है, हर मोड़ छल-कपट लोभ-लालच बेहिसाब है, और क्या मालूम कहाँ गया वो काफ़िला, मैं तो बस सीधा-सीधा चल रहा हूँ । #ऐबी #thoughts #qoutes #words #poetry #shayari