#FourLinePoetry एक अपराध छेमब मोर जानी। परसल माय पाय तुअ पानी॥ -हे मातु गंगे-मेरा एक अपराध समझकर क्षमा कर दें। क्योंकि हे माता, आपके पवित्र जल को मैंने अपने पैर से स्पर्श कर दिया है। कवि विद्यापति #dikkit ©kittuvishal1 एक अपराध छेमब मोर जानी। परसल माय पाय तुअ पानी॥ -हे मातु गंगे-मेरा एक अपराध समझकर क्षमा कर दें। क्योंकि हे माता, आपके पवित्र जल को मैंने अपने पैर से स्पर्श कर दिया है। कवि विद्यापति