White आमकुम्भमिवाम्भस्थो जीर्यमाणः सदा घटः। योगानलेन संदह्य घटशुद्धिं समाचरेत् ॥ (शरीर) पानी में डूबे हुए कच्चे घड़े की भाँति सदैव नष्ट हो जाता है। (इसलिए) शरीर को योगाग्नि से तप्त करके सुदृढ़ करना चाहिए। पेरण्ड संहिता 1.8 (The body) invariably wears away like an unbaked earthen jar immersed into water. (Therefore) the body should be strengthened by heating it with the fire of Yoga. ©KhaultiSyahi #World_Emoji_Day #body #khaultisyahi #yogi #Yoga #Love #Life_experience #Life #Truth_of_Life #Life