दिन पुराने याद करने से कोई फायदा नही है , अगर वे तखलिफ भरे हो।जरूरत है तो बस हमे पिछले दिनों से कुछ सीखने की और अपना भविष्य सुधारने की। जीवन किसी का सरल नही होता अगर व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को हो अपनी इच्छाये समझने लगे जाये, फिर तो कठिनाई होना स्वभाविक है। ज्यादातर हम अपने वर्तमान में चल रहे समय को न देख भविस्य की कल्पना करने बैठ जाते है , तभी से हमारा वर्तमान बिगड़ता जाता है और भूतकाल का रूप लेकर हम उसे ही याद करके स्वंम व् दुसरो को भी तखलिफ देते रहते है। मेरा यह मानना है कि हमे किसी के आचरण पर चलने की आवश्यकता नही है अगर हम अपनी सोच में परिवर्तन ले आये, हमे ये दिखाने की आवश्यकता नही है कि हम उसके आदर्शो पर चलकर सक्षम हुए है। स्वंम के गुरु स्वंम ही बने, मुफ्त में किसी को ज्ञान बाटना बन्ध करे , क्योकि ज्ञान हर इंसान के पास है जरूरत बस उसे अपने अंदर देखने की है, आपके द्वारा दिया हुआ ज्ञान कुछ क्षण के लिए होता है अपितु इंसान स्वंम उजागर करता है वही उसके जीवन को सुदृढ़ बनाता है। सभी पढ़ने वालों को न तो मै कोई ज्ञान बाट रहा हूँ और नही ही अपने ज्ञान का प्रसार कर रहा हूँ, बल्कि मै स्वंम ही कुछ सीखने की ईच्छा रखता हूं, इसीलिए ख़ुश रहे, स्वस्थ रहे और हो सके तो अपने साथ अपनों का ध्यान रखे। द्यन्यवाद। ombir phogat #ramayan #talk 5