*"काबिल हूँ "* -------------------- माना की अभी घायल हूँ, , भीतर ही उथला-पुथला हूँ, वक़्त की करवट को ना सही, तकदीर की चाल को बदल सकूँ, इतना तो अभी काबिल हूँ.. ! कुछ ज़ख्म आज भी हरे हैं, कुछ नैना सपनों भरे हैं, इक रास्ता अभी अनजान हैं, मगर मंज़िल को पहचान सकूँ , इतना तो अभी काबिल हूँ,...!! ज़रा बहका अपनों के वादों से हूँ , कुछ सहमा दिल के जज़्बातों से हूँ, कुछ टुटा छोटी बातों का हूँ, लेकिन "ख़ुदा" खुद का बन सकूँ, इतना तो अभी काबिल हूँ,...!!! सावन का एक मैं अंधा हूँ, भरी बरसात का अभी प्यासा हूँ, बिना आशियां का, बिखरा सा एक परिंदा हूँ, टूटे सपने समेट सकूँ इतना तो अभी काबिल हूँ--2.. !!!!! ✍️✍️तनुज शर्मा #footsteps #बदनाम_मोहब्बत 🖤🖤