इम्तिहान ना ले ए ज़िन्दगी इतमीनान रख, तेरे दिए जख्मों को हम पालते हैं शौक से! इतना गुमान भी ना कर ए वक़्त ध्यान रख, तुझे बदलने को चराग हम जलाते हैं शौक से! दर बदर ना कर हमें ए ज़िन्दगी कुछ ग्यान रख, कहानियाँ अक्सर बदल जाती है मौत के खौफ़ से!! Astha Dhiren #moth#ka#khof