कोयल की तरह हमसे कूहका न जाएगा, कभी हमारी गली आना, हम चीखें सुनाएंगे। तुम उसकी भाषा समझते हो, तुमने सिर्फ राग सुने हैं, आंखें खोल लेना हम इत्र में डूबी रातों के सलीके सुनाएंगे।