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मेरे ख्वाबों,ख्वाहिशों,दर्द व अहसास से तुझे क

मेरे ख्वाबों,ख्वाहिशों,दर्द व अहसास से
     तुझे कोई सरोकार नहीं।
   तुझसे इतर कुछ और, मेरा सहारा बने,
       ये भी तुझे बरदाश्त नहीं॥
            पारुल शर्मा
   जब भी हम कविताओं में बिजी रहते हैं। वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी( मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह/डायरी) को घूरते हैं॥
   कहते हैं फालतू हो, फालतू के कामों में उलझी रहती हो।
   एक एक शब्द पर लोटपोट हो जायेगें सब, कविता क्या टोटली बकबास लिखती हो।
    जब भी हम संजीवनी(डायरी) में कुछ लिखते हैं, वो नाक मुँह सिकोड़ते हैं॥ 
                  जब भी हम ................
  घिसती रहो कलम रद्दी कर डालो कितनी,सबकी सब दो कोड़ी की भी नहीं।
  फिक जायेंगी कबाड़ में ही।जब भी हम कलम को छूते हैं,उनके माथे पे बल बनते हैं।
                    जब भी हम......
  सिरदर्द हो तुम, औरों का सिरदर्द बनोगी, फालतू है तू, और फालतू कविताएँ तेरी।
  जब भी हम कोई कविता फेसबुक पर अपडेट करते हैं, वो कभी मुझे कभी मेरे मोबाइल को घूमते हैं॥
  जब भी हम कविताओं में बिजी होते हैं।वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी को घूमते है
पारुल शर्मा #NojotoQuote Kavita kuch alag andaaj me............... 

मेरे ख्वाबों,ख्वाहिशों,दर्द व अहसास से
तुझे कोई सरोकार नहीं।
तुझसे इतर कुछ और, मेरा सहारा बने,
ये भी तुझे बरदाश्त नहीं॥
पारुल शर्मा 
जब भी हम कविताओं में बिजी रहते हैं। वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी( मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह/डायरी) को घूरते हैं॥
मेरे ख्वाबों,ख्वाहिशों,दर्द व अहसास से
     तुझे कोई सरोकार नहीं।
   तुझसे इतर कुछ और, मेरा सहारा बने,
       ये भी तुझे बरदाश्त नहीं॥
            पारुल शर्मा
   जब भी हम कविताओं में बिजी रहते हैं। वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी( मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह/डायरी) को घूरते हैं॥
   कहते हैं फालतू हो, फालतू के कामों में उलझी रहती हो।
   एक एक शब्द पर लोटपोट हो जायेगें सब, कविता क्या टोटली बकबास लिखती हो।
    जब भी हम संजीवनी(डायरी) में कुछ लिखते हैं, वो नाक मुँह सिकोड़ते हैं॥ 
                  जब भी हम ................
  घिसती रहो कलम रद्दी कर डालो कितनी,सबकी सब दो कोड़ी की भी नहीं।
  फिक जायेंगी कबाड़ में ही।जब भी हम कलम को छूते हैं,उनके माथे पे बल बनते हैं।
                    जब भी हम......
  सिरदर्द हो तुम, औरों का सिरदर्द बनोगी, फालतू है तू, और फालतू कविताएँ तेरी।
  जब भी हम कोई कविता फेसबुक पर अपडेट करते हैं, वो कभी मुझे कभी मेरे मोबाइल को घूमते हैं॥
  जब भी हम कविताओं में बिजी होते हैं।वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी को घूमते है
पारुल शर्मा #NojotoQuote Kavita kuch alag andaaj me............... 

मेरे ख्वाबों,ख्वाहिशों,दर्द व अहसास से
तुझे कोई सरोकार नहीं।
तुझसे इतर कुछ और, मेरा सहारा बने,
ये भी तुझे बरदाश्त नहीं॥
पारुल शर्मा 
जब भी हम कविताओं में बिजी रहते हैं। वो कभी मुझे कभी मेरी संजीवनी( मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह/डायरी) को घूरते हैं॥
parulsharma3727

Parul Sharma

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