मज़बूर कितना मजबूर था वो, खिलौने बेचने वाला बच्चा भी,,, जिसके पास एक खिलौना भी नही खुद के खेलने के लिये..! #मज़बूर कवि जय पटेल दीवाना Raghav Awasthi🙏