ये दिल कुछ भावनाओं से जो जुड़ बैठा तो है ड्रामा | किसी का दिल किसी की ओर मुड़ बैठा तो है ड्रामा || अगर दिल दुख रहा है तो बहाओ 'अश्रु' ना बेशक, अगर बाहर निकलकर दुख जो उड़ बैठा तो है ड्रामा || ©® शिवम् सिंह सिसौदिया ये दिल कुछ भावनाओं से जो जुड़ बैठा तो है ड्रामा | किसी का दिल किसी की ओर मुड़ बैठा तो है ड्रामा || अगर दिल दुख रहा है तो बहाओ 'अश्रु' ना बेशक, अगर बाहर निकलकर दुख जो उड़ बैठा तो है ड्रामा || ©® शिवम् सिंह सिसौदिया