तेरी य़ाद.. नींदों में भी जगाती है। मैं जागा हुआ भी सोता हूँ, तेरी यादों में ही होता हूँ। तेरा मुझसे दूर चले जाना, जैसे पत्तों का पेड़ों से झड़ जाना । तेरी याद मुझे रुलाती है। नींदों में भी जगाती है ।। एक य़ाद... तेरी य़ाद....!! मेरी परी... तेरी ##य़ाद***