रात से सुबह हो गयी मुझे रोते-रोते, उसको कई अरसे हो गए मेरा होते-होते, मैं गम नहीं मनाता, न ही शोक में हूँ मैं, बस थक गया हूँ मैं, दिल में उसकी मोहब्बत का पौंधा बोते-बोते। - गिरीश राम आर्य: #Night #RaatBhar #GirishAryah