Rain आसमां से गिर रहीं है बूंदे बरसात की... पकोड़े है.. चाय है... तुम भी होते तो क्या बात थी.. बिखर जाती हैं मुस्कुराहटें छूट के तेरे होठों से फिज़ा में... तू मेरे साथ मुकुराती तो क्या बात थी... लौट गई जाने कितनी ही हिचकियां आते आते बस यूंही... तुम जरा तबीयत से याद फरमाती तो क्या बात थी... अक्सर जागता रहा मैं देर रात तलक नींद की तलाश में... कभी फोन पे ही सही तू लोरियां सुनाती तो क्या बात थी... सारी कहानी बयां कर दी दिल की तेरी एकटक देखती आंखों ने... मुझे देख कभी तू भी नज़रे चुराती तो क्या बात थी... कब तक अंदाज़ा लगाता रहूं तेरी अनकही चाहतों का... कभी तू बोल के भी बताती तो क्या बात थी... आसमां से गिर रहीं है बूंदे बरसात की... पकोड़े है.. चाय है... तुम भी होते तो क्या बात थी.. www.alfazeanand.com #rain