Nojoto: Largest Storytelling Platform

आकलन इंसान भी बहुत अजीब है उस की अलग ही तहजीब है अ

आकलन
इंसान भी बहुत अजीब है
उस की अलग ही तहजीब है
अक्सर खुद का आकलन करने में
सारी उम्र गँवा देता है
लेकिन औरों को आँक कर
झट कोई धारणा बना लेता है
ऐसा अपेक्षाओं की वजह से होता है
जो नाहक ही खुद के दिल में पालता है
भले ही ये अनकहा ऊसूल है
अपेक्षा करना दुख का मूल है
ऊसूल आसानी से समझ नही आते
समझ आते तो सभी जान पाते
जो नियम बड़ा ही स्थूल है
कि अपेक्षा रखना फिजूल है
आकलन औरों का नही खुद का करो
किसी अन्य से तुलना मत करो! #आकलन.
आकलन
इंसान भी बहुत अजीब है
उस की अलग ही तहजीब है
अक्सर खुद का आकलन करने में
सारी उम्र गँवा देता है
लेकिन औरों को आँक कर
झट कोई धारणा बना लेता है
ऐसा अपेक्षाओं की वजह से होता है
जो नाहक ही खुद के दिल में पालता है
भले ही ये अनकहा ऊसूल है
अपेक्षा करना दुख का मूल है
ऊसूल आसानी से समझ नही आते
समझ आते तो सभी जान पाते
जो नियम बड़ा ही स्थूल है
कि अपेक्षा रखना फिजूल है
आकलन औरों का नही खुद का करो
किसी अन्य से तुलना मत करो! #आकलन.