तुम भीड़ से अलग हो लिखो किसी तख्ती पर और सामने अपने तख्त के टांग दो दिवार पर कहीं, और देखो उसे सुबह शाम और दिलाओ खुद को यकीन की तुम हो सबसे अलग भीड़ से अलग उन सबसे अलग जो दूसरे के बनाए रास्ते पर चले जा रहे सीना ताने झोला हाथ में झुलाए. तुम साले अपना झोला कंधे पर लिए चलो अपने किनारे, उनसे अलग. वो खुश दिखे तो चिढ़ाओ उन्हें अपनी भीड़ से अलग वाली तख्ती दिखाकर, और खुद ठोड़ी दूर आगे चलकर अपने झोले में हाथ डालकर टटोलना खुद को और देखना कितना कुछ अलग लिए जा रहे हो, कितना कुछ लिये जा रहे हो. #NojotoQuote #SamjaiswalSquotes #SamjaiswalSwords #SamjaiswalSstories