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जिस तरह पका हुआ फल स्वतः अपनी डाली दे दूर हो जाता

जिस तरह पका हुआ फल स्वतः अपनी डाली दे दूर हो जाता है,   उसी प्रकार आत्मज्ञान से पका हुआ मनुष्य संसार के मायाजाल से स्वयं को पृथक पाता है ~

राजीब कौरव Purnima Rai Vijay Ritika Shaw Supriya Pandey Sangya Venu
जिस तरह पका हुआ फल स्वतः अपनी डाली दे दूर हो जाता है,   उसी प्रकार आत्मज्ञान से पका हुआ मनुष्य संसार के मायाजाल से स्वयं को पृथक पाता है ~

राजीब कौरव Purnima Rai Vijay Ritika Shaw Supriya Pandey Sangya Venu