पुष्कर (तालाब) इश्क के पुष्कर मे डूबती जी रही हो तुम इश्क के पानी को पीकर सन्तुष्ट होती जी रही हो तुम न समुद़ सा गहरा है न आसमां सा ऊंचा है ये तो ख्यालों की दुनिया है वास्तिवकता के गांव से भागती जा रही हो तुम Your friend pushkar samele hii frnds this is my second quotes on here plz give like and follow plz plz .....