बस निभाने के लिए ही मोहब्बत तुझसे दूर चली गई थी कुछ वक्त के लिए तुझसे टूट जाता उस वक्त तू खुद ही खुद से गर सच बता देती उस वक्त मै तुझसे बहुत दूर चले गए हो तुम इस मन से जैसे बिछड़ते है दिल एक दूजे के दिल से कुछ दिन साथ नहीं रहे तो हो गए किसी और के इसलिए जा रहें है आज तुझे यू छोड़ के हां अब कुछ पल भी गुजरेंगे तेरी मर्जी से यही आखिरी ख्वाहिश है तेरी मुझसे आखिर क्यों कि इतनी बेवफाई हमसे जबकि बताई थी मैंने अपनी हर बात तुझसे हां अच्छी नहीं मै उस रब से नालायक दोस्त बोला था जिस दिन से इसलिए चुप बैठी हूं उस पल से अपनों की औकात पता चल गई जिस दिन से आज बैठी हूं लिखने उस छड़ से जब भरोसा उठ गया मेरा तुझसे हमे तो होश ही नहीं, पर उम्मीद लगाए भी क्या तुझसे तू तो खुद ही जुड़ गया किसी और के दिल से!! ©Sneha Yadav एसपी १२२४ #twilight