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याद है बापू तुम सबको, उन वीरों को तुम भूल गए। चूमक

याद है बापू तुम सबको,
उन वीरों को तुम भूल गए।
चूमकर फंदे को जो बेटे,
हंसकर फांसी झूल गए।

लाए आजादी अहिंसावादी,
तो वो मरने वाले कौन थे।
देश के बंटवारे पे बापू,
उस दिन तुम भी मौन थे।

गर स्वराज को वीरों ने,
खून से सिंचा न होता।
धरके लाठी चलने का,
बापू का साहस न होता।

आजादी के खातिर,
बेटों ने शीष चढ़ाई थी।
लड़ती रही रण चंडी सी,
वो रानी लक्ष्मीबाई थी।

एक शीष के बदले,
सौ-सौ शीष खड़े हो जाते थे।
मातृभूमि पे मरने को,
बालक भी अड़ जाते थे।

खौल रहा था खून सभी का,
सांसें भी गरमाई थी।
सुन दहाड़ वीरों का,
रानी भी घबराई थी।

बलिदान हो गए वीर सभी,
कितनों के नाम गिनाऊं मैं।
फिर भी तुमको कम लगता है।
जलियांवाला कांड सुनाऊं मैं।

आजादी के पथ पर हमने,
लाशों का अंबार लगाया है।
वो सत्य अहिंसा करते रहें,
हमने स्वराज रक्त से पाया है।

©RKant #Freedom_Fighter
याद है बापू तुम सबको,
उन वीरों को तुम भूल गए।
चूमकर फंदे को जो बेटे,
हंसकर फांसी झूल गए।

लाए आजादी अहिंसावादी,
तो वो मरने वाले कौन थे।
देश के बंटवारे पे बापू,
उस दिन तुम भी मौन थे।

गर स्वराज को वीरों ने,
खून से सिंचा न होता।
धरके लाठी चलने का,
बापू का साहस न होता।

आजादी के खातिर,
बेटों ने शीष चढ़ाई थी।
लड़ती रही रण चंडी सी,
वो रानी लक्ष्मीबाई थी।

एक शीष के बदले,
सौ-सौ शीष खड़े हो जाते थे।
मातृभूमि पे मरने को,
बालक भी अड़ जाते थे।

खौल रहा था खून सभी का,
सांसें भी गरमाई थी।
सुन दहाड़ वीरों का,
रानी भी घबराई थी।

बलिदान हो गए वीर सभी,
कितनों के नाम गिनाऊं मैं।
फिर भी तुमको कम लगता है।
जलियांवाला कांड सुनाऊं मैं।

आजादी के पथ पर हमने,
लाशों का अंबार लगाया है।
वो सत्य अहिंसा करते रहें,
हमने स्वराज रक्त से पाया है।

©RKant #Freedom_Fighter
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