लहरा ना सकें कभी यहाँ नफरत की फ़सलें, ऐ खुदा ज़मीन-ए-हिन्द इतनी बंजर बना दे !! लील जाऊं इस जहाँ की सारी बुराइयों को, खुदा तू मुझे ऐसा समंदर बना दे !! ना सोये भूँखा फिर कोई भी बच्चा, तू मुझे एक ऐसा लंगर बना दे !! पी जाऊं इस जहाँ के सारे दुखों को, ऐ खुदा तू मुझे "शंकर" बना दे !! काट सकूँ मैं देश के दुश्मनों की गरदनें, मुझे ऐसा फौलादी खंज़र बना दे !! मिट सकूँ मै भी अपने वतन के लिए, तू मुझे ऐसा सिकंदर बना दे !! मुझे भी नसीब हो कफन में "तिरंगा", तू मुझे ऐसा कलंदर बना दे !! #mypoetry #kavishala #hindi #republic_day #incredible_india #nojoto #nazm