जब जिक्र तेरा हुआ होगा सजदे पे कोई झुका होगा जहां पांव तेरे पड़े होंगे वो मकान घर बना होगा वो कितनी बार जगी होगी जब चैन से तू सोया होगा वो कितनी बार उठी होगी जब रात में तू रोया होगा रोकर भी दुआ दी होगी जब तूने दिल उसका तोड़ा होगा वो टूटकर फिर बिखरी होगी जब तूने घर उसका छोड़ा होगा देकर आँसू उसकी आँखों में तू बाहर पत्थरों में खोया होगा देख कर तेरी नासमझी को ख़ुदा भी तुझ पर रोया होगा... abhishek trehan 🎀 Challenge-199 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 आप सभी को मातृ दिवस (Mother's Day) की हार्दिक शुभकामनाएँ :) 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।