एक जंगल है सिवाय यादो के जिनमे कुछ नही मूसलाधार बारिश है जिनमे असीमित प्यास के सिवा कुछ नही एक मै हूँ जो पर्वत की अंतिम चट्टान पे नजर भर दार्शनिकता लिए बैठा हूँ एक तुम हो जिसमे जीवन की असीमित संभावनाएं और नए जन्म की ऊर्जा है मै बारिश और जंगल फिराक मे है कही तो कुछ हो तुम जैसा...