'चाँद को चाँद रहने दो' इस रात को बहलने दो, चाँद को चाँद रहने दो, ये यान चंद्रायान क्या है? चाँदनी को बरसने दो। इन पलकों को सोने दो, कुछ सपनों में खोने दो, ये यान चंद्रयान क्या है? चाँदनी में खोने दो। चंद्र बिंब जल में झलकने दो, चंद्र कांति को महकने दो, ये यान चंद्रायान क्या है? समां रंगीन ठहरने दो। हवाओं को थिरकने दो, लताओं को मचलने दो, ये यान चंद्रायान क्या है? चकोर का प्यार पलने दो। कवि आनंद दाधीच भारत ©Anand Dadhich #चाँद_को_चाँद_रहने_दो #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #TeejFestival