दरिद्र।। आयु दरिद्र, दीर्घायु दरिद्र, ज्ञान से है जटायु दरिद्र। दर्शन दरिद्र, दर्पण दरिद्र, अंजुरी और तर्पण दरिद्र। देव दरिद्र, दानव दरिद्र, पशु और मानव दरिद्र। सरस्वती दरिद्र दुर्गा दरिद्र, है ज्ञान और ऊर्जा दरिद्र। धरती दरिद्र अम्बर दरिद्र, है ईश और पैगम्बर दरिद्र। तसबीह दरिद्र माला दरिद्र, हर बालक और बाला दरिद्र। मुल्ला दरिद्र पंडित दरिद्र, है एकाकी और खण्डित दरिद्र। दुखी दरिद्र सुखी दरिद्र, अंतर और बहिर्मुखी दरिद्र। दिन दरिद्र रात दरिद्र, समूल मानव जात दरिद्र। ज्ञानियों का झुंड लो, क्यूँ दरिद्र, तुम ढूंढ लो। हर बात मैं ही क्यूँ कहूँ, काम मे अपना मुंड लो।। ©रजनीश "स्वछंद" दरिद्र।। आयु दरिद्र, दीर्घायु दरिद्र, ज्ञान से है जटायु दरिद्र। दर्शन दरिद्र, दर्पण दरिद्र, अंजुरी और तर्पण दरिद्र। देव दरिद्र, दानव दरिद्र, पशु और मानव दरिद्र।