सिलसिला भगदड़ का.. भगदड़ हुई, हाथरस में..,भक्तिरस में, कुंडली में..,मंडली में, शामियाने में..,दवाख़ाने में, सभाओं में.., कथाओ में ! फिर भगदड़ हुई, टीवियों में..,बुद्धिजीवियों में, अख़बारों में..,पत्रकारों में, विचारों में..,आचारों में, यादों में..,मुरादों में ! सबने धर्म को कोसा, आडम्बर को नापा, दक्षिणा को तोला, बहस को घोला, फिर; भगदड़ कर, भीड़ को, भगदड़ के हवाले कर, कही और भगदड़ करने, सब चले गये ...! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #bhagadad #भगदड़ #Stampede #Hatharas #kaviananddadhich #poetananddadhich