यूंही गहराता जाता है सब , धरा इस 'भू' पर रह जाता है तब, गतिशीलता में "शून्यता" रह जाता है सब, "मोन" चित्त रह दूर होता 'वो' जाता है तब, 'मनोभाव' को सबके चुपके से पढ़ता जाता है सब, फिर यूंही शांत हो अलग 'वो' होता जाता है तब, #NojotoQuote एक अलग अनुभूति #nojoto #different #life #shunya #nojotopoet #anotherside #distance