न जमानत लेंगे न बेल माँगेगे। मुझे बस अपनी बाँहो में गिरफ्तार कर लो न। जिंदगी के अंतिम पड़ाव पे हूँ, अब तो प्यार कर लो न।। #बिना रस के कवि।