बहोत तन्हाँ हैं जख्मी ये फुल दिल के , इतने कि चाहकर भी खिल नहीं सकते। एक सितम है कि तेरी याद बहोत आती है, एक सितम ये भी है कि मिल नहीं सकते।। ©#pritam! #sitam Vijaya Singh