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ताना ज़माने का देखो सुधर जाने को कहते है, मासूमियत

ताना ज़माने का देखो सुधर जाने को कहते है,
मासूमियत उम्र का देखो बिगड़ जाने को कहते है !

परेशां है कुछ लोग मेरे बचपना से,और
बुजुर्ग अपना हमसफ़र हो जाने को कहते है !

गाँव जैसा खिलकर महकना चाहता हूँ ,
भौतिकतावाद मुझे शहर हो जाने को कहते है !

दोस्त परेशां है तो मैं भी पड़ाव में हूँ ,
अगतिशील जमाना मुझे सफर हो जाने को कहते है !

कामयाबी पुकारती ''अमोद'',ख़ुशी की लकीर बनो
माँ के चेहरे पर , उभर जाने को कहते है ! चंद सेर हक़ीक़त का    @अमोद गुप्ता
ताना ज़माने का देखो सुधर जाने को कहते है,
मासूमियत उम्र का देखो बिगड़ जाने को कहते है !

परेशां है कुछ लोग मेरे बचपना से,और
बुजुर्ग अपना हमसफ़र हो जाने को कहते है !

गाँव जैसा खिलकर महकना चाहता हूँ ,
भौतिकतावाद मुझे शहर हो जाने को कहते है !

दोस्त परेशां है तो मैं भी पड़ाव में हूँ ,
अगतिशील जमाना मुझे सफर हो जाने को कहते है !

कामयाबी पुकारती ''अमोद'',ख़ुशी की लकीर बनो
माँ के चेहरे पर , उभर जाने को कहते है ! चंद सेर हक़ीक़त का    @अमोद गुप्ता
amodgupta1297

amod gupta

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