सुनी-सुनायी बात नहीं, कही-कहायी बात नहीं, जो बात रही, बात रही, उसूल या जज्बात नहीं। ऐसे हैं हालात, रखें जो खयालात, बनें न वो नगमात, रहें बस सवालात, जवाब अच्छे खासे, किताब फेंके पासे, किताब फेंके पासे। ©BANDHETIYA OFFICIAL किताबों के पासे। #candle