मेरी प्यारी मित्र मेरी सुधा दी आपके नाम मेरा पत्र मेरा दूसरा पत्र, मेरी सबसे प्रिय मित्र, मेरी सुधा दी के नाम.... आप कहा करती थी हमेशा, मेरा तो केवल एक ही मित्र है...वो तू ही तो है। देखो मैंने आपका परिचय पूरी दुनिया से करा दिया, खामोश इमारत के माध्यम से, अब ये yq पे जितने बच्चे मुझे जानते हैं सब आपको भी जानते हैं।। चिड़ते भी होंगे शायद कोई कोई, कि जो सामने हैं उनके कदर नहीं जो दुनिया में ही नहीं उसके पीछे अभी तक ये बंदा पागल है।।सच, आपका जिस्म ही तो नहीं है...बाकी सब तो है ना यादें, बातें,प्यार और सबसे बड़ी चीज आपकी उपस्थिति मेरे भीतर। हां आज आ